2025 में व्यापारिक तनाव और भू-राजनीतिक संघर्ष से खतरे में वैश्विक स्थिरता | जानिए पूरी कहानी क्या दुनिया world war 3 की तरफ बढ़ रही है

Spread the love

आज की वैश्विक स्थित और तेजी से बदलती बाजार। सभी देशों हो रही व्यापार के समझौते को और राजनीतिक कूटनीति को और बढ़ा रही है लेकिन कुछ सालों के अदंर हमको यह देखने को मिला है।

की राजनीतिक संघर्ष के कारण इस संतुलन को काफी प्रभावित किया है आज हम अपने ब्लॉग में बताएंगे कि कैसे कुछ बड़े कारण सभी देशों के वैश्विक स्थिरता को प्रभावित कर रहा है।

क्या है व्यापारिक तनाव-

जब दो देश आपस मैं व्यापार कर रहे हो और कुछ कारण बस व्यापार के नियमों और शुल्क को लेकर टकराव में आ जाए तो वह व्यापार की तनाव की श्रेणी में आता है।

  • अमेरिका और चीन के बीच में चल रही व्यापारिक युद्ध जब अमेरिका चीन पर टैक्स लगता हैं तो चीन भी टैक्स लगा देता है।
  • गैस आपूर्ति को लेकर यूरोप और रुस में चल रही तनाव
  • भारत और उसके पड़ोसी देश के बीच चल रही सीमा विवाद।
oil container truck and heavy petrochemical industries plant for petroleum fuel industrial theme

भू राजनीतिक सघर्ष-

यह संघर्ष राजनीतिक या सैन्य संघर्ष हो सकते है यह संघर्ष दो आपस के देशों के सबंध में तनाव डालते हैं।

  • रूस और यूक्रेन के बीच चल रही सालों से युद्ध।
  • इसराइल और फिलीस्तीन के बीच चल रही युद्ध सघर्ष।
  • चीन के साथ चल रही ताइवान विवाद।

यह सब ऐसे संघर्ष हैं जो सिर्फ अपने देश को प्रभावित नहीं करते हैं बल्कि पूरी दुनिया के बाजार को प्रभावित करते हैं।

वैश्विक स्थिरता पर इसका क्या असर होने वाला है-

जब कोई पूंजीपति या बड़े देश एक दूसरे पर प्रतिबंध लगाते हैं तो इससे अन्य देशों में भी महंगाई बढ़ जाती है कोई भी कंपनी उत्पादन के लिए तैयार नहीं होती है लोगों की नौकरियां जानें का खतरा बढ़ता जाता है ।

  • आपूर्ति बाधित होता है- जब कॉविड-19 सभी देशों में फैली तो पूरी दुनिया को यह पता चल गया कि अगर किसी एक दूसरे देश की सप्लाई चैन बाधित होती हैं तो सप्लाई चैन बाधित हो सकती है जैसे जब रूस रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध से पूरे यूरोप में गैस सप्लाई को प्रभावित किया।
  • निवेशक के मन में डर- जब किसी भी देश में संघर्ष होता है तो निवेशक युद्ध ग्रसीत देश में पैसा लगाने से बचते हैं जिससे उसे देश की आर्थिक ग्रोथ रुक जाती है।

अमेरिका और चीन के बीच में युद्ध से व्यापार में असर

जब दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश का आपसी संघर्ष होता है तो इसका असर सिर्फ इन देशों को प्रभावित ही नहीं करेगा बल्कि भारत और पूरे यूरोप और अफ्रीकी देशों को भी प्रभावित करेगा।

  • चीन से जिस भी देश का व्यापार हो रहा होगा जिस भी वस्तु का वह महंगा हो जाएंगा।
  • जब अमेरिका चीन पर प्रतिबंध लगाएग तब उससे तक्नीकी विकास प्रभावित हो सकता है।
  • सभी देशों को किसी और देश देश पर निर्भर होना होगा।

रूस और यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न हुई ऊर्जा संकट

रूस और यूक्रेन युद्ध से सबसे ज्यादा यूरोपीय देश हुए क्योंकि इनके गैस की सप्लाई रुस से होती थी जो युद्ध के कारण प्रभावित हो गई।

  • जो गैस यूरोप को सस्ते में मिल रहा था वह अब आसमान छूने लगा।
  • बिजली की महंगाई बढ़ने लगी
  • खाद्य संकट उत्पन्न हो गया क्योंकि सबसे ज्यादा गेहूं यूक्रेन उत्पादित करता था।

क्या होगा भारत पर इसका असर-

ऐसे युद्ध भारत को भी काफी प्रभावित करता है

  • कच्चे तेल के दाम बढ़ने लगते हैं जिस देश में महंगाई उत्पन्न हो जाती है।
  • निर्यात और आयात भी महंगा हुआ।
  • रुपया आए दिन गिरता जा रहा है।
  • शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता हैं, हालांकि भारत ऐसे मामलों को कूटनीतिक तरीक़े से बचा लेता है जिससे कुछ महंगाई को कंट्रोल किया जा सकता है

इसका समाधान क्या हो सकता है-

  • सभी देशों के बीच कूटनीतिक बातचीत बड़े व्यापार तनाव को शांत करने के लिए देश को आपस में बैठकर बातें करना चाहिए और उसे तनाव को दूर करने का प्रयास करना चहिए‌।
  • देश विकल्प तलाशे कोई भी देश किसी एक देश पर निर्भर ना रहे विकल्प तलाशना चाहिए।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा मिले ऐसे मामले के लिए बने संगठन को अधिक प्रभावशाली बनाना होगा सभी देश क नियम मानने के लिए बाध्य करना होंगा ।

निष्कर्ष-

जब किसी देश में व्यापारीक संघर्ष होता है तो वह सिर्फ इस देश को प्रभावित नहीं करता है इसका असर पूरे देश पर पड़ता है और समय रहते इन सभी मुद्दों को सुलझाना होगा नहीं तो स्थितियां और बिगड़ सकती हैं।

Leave a Comment